Tuesday, 6 October 2015

भगवान् श्री कृष्ण जी के कुछ नाम और उन के अर्थ:

भगवान् श्री कृष्ण जी के कुछ नाम और उन के अर्थ:
आप सब भी और नाम जोडीये क्रम संख्या डालकर .......
1 कृष्ण : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला.
2गिरिधर: गिरी: पर्वत ,धर धारण करने वाला। अर्थात गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले।
3मुरलीधर: मुरली को धारण करने वाले।
4 पीताम्बर धारी: पीत :पिला, अम्बर:वस्त्र। जिस ने पिले वस्त्रों को धारण किया हुआ है।
5मधुसूदन: मधु नामक दैत्य को मारने वाले।
6 यशोदा या देवकी नंदन: यशोदा और देवकी को खुश करने वाला। या पुत्र
7 गोपाल: गौओं का या पृथ्वी का पालन करने वाला।
8गोविन्द: गौओं का रक्षक।
9 आनंद कंद: आनंद की राशि देंने वाला।
10 कुञ्ज बिहारी:कुंज नामक गली में विहार करने वाला।
11चक्रधारी: जिस ने सुदर्शन चक्र या ज्ञान चक्र या शक्ति चक्र को धारण किया हुआ है
12 श्याम: सांवले रंग वाला
13 माधव: माया के पति।
14 मुरारी:मुर नामक दैत्य के शत्रु।
15 असुरारी:असुरों के शत्रु।
16 बनवारी: वनो में विहार करने वाले।
17 मुकुंद: जिन के पास निधियाँ है।
18 योगीश्वर: योगियों के ईश्वर या मालिक।
19 गोपेश :गोपियों के मालिक।
20 हरि :दुःखों का हरण करने वाले।
21मदन:सूंदर
22 मनोहर:मन का हरण करने वाले।
23 मोहन:सम्मोहित करने वाले।
24जगदीश:जगत के मालिक।
25 पालनहार:सब का पालन पोषण करने वाले।
26 कंसारी:कंस के शत्रु।
27 रुख्मीनि वलभ:रुक्मणी के पति
28 केशव: केशी नाम दैत्य को मारने वाले. या पानी के उपर निवास करने वाले या जिन के बाल सुंदर है।
29 वासुदेव:वसुदेव के पुत्र होने के कारन।
30रणछोर:युद्ध भूमि स भागने वाले।
31 गुड़ाकेश: निद्रा को जितने वाले।
32 हृषिकेश: इन्द्रियों को जितने वाले।
33 सारथी: अर्जुन का रथ चलने के कारण।
34 दुर्योधन: जिन की रणनिति बहुत ही कठिन है ऐसे कृष्ण भगवान् ( दुतवाक्यम्)
35 पूर्ण परब्रह्म::देवताओ के भी मालिक।
36 देवेश: देवों के भी ईश।
37 नाग नथिया: कलियाँ नाग को मारने के कारण।
38 वृष्णिपति: इस कुल में उतपन्न होने के कारण
39 यदुपति:यादवों के मालिक।
40 यदुवंशी: यदु वंश में अवतार धारण करने के कारण।
41: द्वारकाधीश:द्वारका नगरी के मालिक।
42: नागर:सुंदर।
43 छलिया:छल करने वाले।
44 मथुरा गोकुल वासी:इन स्थानों पर निवास करने के कारण।
45 रमण: सदा अपने आनंद में लीन रहने वाले।
46 दामोदर: पेट पर जिन के रस्सी बांध दी गयी थी।
47 अघहारी: पापों का हरण करने वाले।
48 सखा: अर्जुन और सुदामा के साथ मित्रता निभाने के कारण।
49 रास रचिया: रास रचाने के कारण।
50 अच्युत: जिस के धाम से कोई वापिस नही आता है।
51 नन्द लाला:नन्द के पुत्र होने के कारण।

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