बालशुक श्री गोपेश जी...
भक्त हमेशा सभी को भक्ति में ही
लगाना चाहता है...संसार में हम देखते है कि यदि परीक्षा में पास होना है तो
प्रश्नपत्र के 10 प्रश्नों में से 5 तो हल करना अनिवार्य होता ही है यदि 4
किये तो फेल हो जायेगे,परन्तु भक्ति का प्रश्नपत्र भगवान ने कितना सरल कर
दिया, भगवान शबरी जी से कह रहे है है...."नवम सरल सब सं छलहीना,मम
भरोस हियँहर्ष न दीना |
नव महूँ एकउ जिन्ह के होई,नारि
पुरुष सचराचर कोई"||
अर्थात -भगवान कह रहे है मेरी नौ
प्रकार की भक्ति है और नवो में से यदि किसी में एक भी होती है तो वह मुझे अत्यंत
प्रिय है..../कोई यदि 9 में से 1 का ही हल कर ले तो पास हो
जायेगा.
No comments:
Post a Comment