सूर्यदेव राधा जी के कुलदेव हैं ।
राधा जी रोजाना सूर्य को जल देती हैं ।
लेकिन आज राधा जी भाववेश पश्चिम की तरफ जल दे रही हैं,,,,,,
ललिता जी राधा जी से बोली ~
हे स्वामिनी जू आप तो बड़ी भोरी हैं सूर्य तो पूर्व से निकले है
और आप जल पश्चिम की तरफ दे रही हैं ।
राधा जी नेत्रो में करूणाजल भर कर बोली ~
ललिते भोरी मैं ना भोरी तो तू है,,,,,
जाने नाय कि मेरा सूर्य तो पश्चिम से निकले है,,,,,
क्योकि पश्चिम की तरफ नंद बाबा को भवन है,,,,,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राध राधे राधे
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