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Tuesday, 6 October 2015

मेरो तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई



मेरो तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई।।
इस में दूसरो ना कोई बहुत विलक्षण शक्ति है
मेरो तो गिरधर गोपाल सभी कहते है किन्तु
दूसरो ना कोई रहस्यपूर्णता मर्म बात है 
श्रीकृष्णजी के द्वारा अपने को ऋणी कहनेका तात्पर्य है कि तुम लोगों का मेरे प्रति जैसा प्रेम है, वैसा मेरा तुम्हारे प्रति नहीं है । कारण कि मेरे सिवा तुम्हारा और किसी में किंचिन्मात्र भी प्रेम नहीं है, पर मेरा अनेक भक्तों में प्रेम है ! अत: मैं तुम्हारे साथ बराबरी नहीं कर सकता । जैसे तुम मेरे सिवाय किसी को नहीं मानतीं, ऐसे ही मैं भी तुम्हारे सिवाय किसीको न मानूँ, तभी बराबरी हो सकती है ! परन्तु मेरे तो अनेक भक्त हैं, जिनको मैं मानता हूँ । इसलिये मैं तुम्हारा ऋणी हूँ !