Monday, 27 June 2016

द्रुढ- विश्वास


             एक आदमी की नई नई शादी हुई और वो अपनी पत्नि के साथ वापस आ रहे थे! रास्ते में वो दोनों एक बडी झील को नाव के द्वारा पार कर रहे थे, तभी अचानक एक भयंकर तूफ़ान आ गया ! वो आदमी वीर था लेकिन औरत बहुत डरी हुई थी क्योंकि हालात बिल्कुल खराब थे! नाव बहुत छोटी थी और तूफ़ान वास्तव में भयंकर था और दोनों किसी भी समय डूब सकते थे!
        लेकिन वो आदमी चुपचाप, निश्चल और शान्त बैठा था जैसे कि कुछ नहीं होने वाला हो!
          औरत डर के मारे कांप रही थी और वो बोली "क्या तुम्हें डर नहीं लग रहा" ये हमारे जीवन का आखरी क्षण हो सकता है! ऐसा नहीं लगता कि हम दूसरे किनारे पर कभी पहुंच भी पायेंगे! अब तो कोई चमत्कार ही हमें बचा सकता है वर्ना हमारी मौत निश्चित है! क्या तुम्हें बिल्कुल डर नहीं लग रहा? कहीं तुम पागल वागल या पत्थर वत्थर तो नहीं हो?
          पती खूब हँसा और एकाएक उसने म्यान से 🗡तलवार निकाल ली ? औरत अब और परेशान हो गई कि वो क्या कर रहा था? तब वो उस नंगी तलवार को पत्नी की गर्दन के पास ले आया, इतना पास कि उसकी गर्दन और तलवार के बीच बिल्कुल कम फर्क बचा था क्योंकि तलवार लगभग उसकी गर्दन को छू रही थी!
वो अपनी पत्नि से बोला
"क्या तुम्हें डर लग रहा है"?
पत्नि खूब हँसी और बोली "जब तलवार तुम्हारे हाथ में है तो मुझे क्या डर"? मैं जानती हुँ कि तुम मुझे बहुत प्यार करते हो !
उसने तलवार वापिस म्यान में डाल दी और बोला कि "यही मेरा जवाब है" !
मैं जानता हुँ कि भगवन श्रीकृष्ण मुझे बहुत प्यार करते है और ये तूफ़ान उसके हाथ में है ! इस लिए जो भी होगा अच्छा ही होगा ! अगर हम बच गये तो भी अच्छा और अगर नहीं बचे तो भी अच्छा, क्योंकि सब कुछ उस 🙏भगवान🙏 के हाथ में है और वो आपने भक्तों के साथ कभी कुछ भी गलत नहीं कर सकते !
वो जो भी करेगा हमारे भले के लिए करेंगे।
ये द्रुढविश्वास है हमे......!!
*शिक्षा* :-- हमेशा *विश्वास* उसपर बनाये रक्खो
       ! "व्यक्ति को हमेशा उस परम-पिता परमात्मा पर विश्वास रखना चाहिये जो हमारे पूरे जीवन को बदल देता है "!.
🙏           हरी बोल          

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